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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

जीनोमिक शोध के महत्व पर प्रेरक व्याख्यान आयोजित

बीकानेर 26 फरवरी। पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर में सोमवार को विद्यार्थियों हेतु प्रेरक व्याख्यान का आयोजन किया गया। पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर अपना प्लेटिनम जुबली ईयर मना रहा है। इसी क्रम मे विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों हेतु विभिन्न व्याख्यानों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा। प्रो. चन्द्र शेखर पारीक, निकोलस कोपरनिकस युनिवर्सिटी, टोर्न, पौलॅण्ड ने “जिनोमिक रिसर्च” विषय पर व्याख्यान दिया और बताया कि वर्तमान समय जिनोमिक शोध का महत्व बहुत बढ़ गया है। स्तनधारी प्रजातियों में आर्थिक महत्व के विशेष जीनो की पहचान कर हम ना केवल बीमारियों पर नियंत्रण किया जा रहा है, अपितु पशुओं की उत्पादकता को भी बढ़ाया जा रहा है। प्रो पारीक ने मल्टी ओमिक शोध, जीनोमिक अनुक्रम बायोइनफोर्मेटिक एनालाईसिस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज मोलिक्यूलसर साईस ना केवल मानव अपितु पशुओं में भी वरदान साबित हुई है। उन्होंने विद्यार्थियेां को उच्च कोटि की शोध के माध्यम से गुणवत्तायुक्त शोध प्रकाशनों का सुझाव दिया। निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी ने विद्यार्थियों को माइक्रोबायोलॉजी, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में रोजगार की विभिन्न संभावनाओं को बताते हुए वेटरनरी महाविद्यालय के एल्युमिनाई द्वारा प्रेरक व्याख्यान का अधिकतम लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर फैकल्टी सदस्य, बी.वी.एस.सी. एण्ड ए.एच., इर्न्टनी, पी.जी., पी.एच.डी. विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. अशोक डांगी ने किया।