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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

राज्य सरकार द्वारा स्थापित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा से जुड़ा राजुवास

बीकानेर 7 अक्टूबर। माननीय पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग मंत्री (राजस्थान सरकार) जोराराम कुमावत ने रविवार को राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम का उद्घाटन किया। माननीय मंत्री श्री जोराराम जी ने इस अवसर पर कुलपति एवं अधिकारियों के साथ विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति, भविष्य की योजनाओं एवं विकास के संभावित क्षेत्रों पर गहन चर्चा की। शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार, अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने तथा छात्रों के समग्र विकास हेतु संबधित अधिकारियों को विस्तृत एवं आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने बताया कि इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में स्थापित सिस्टम के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा ली जाने वाली विभिन्न तरह की ऑनलाइन बैठकों में विश्वविद्यालय की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा दिन प्रतिदिन ली जाने वाली बैठकों में विश्वविद्यालय के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़ सकेंगे और इससे विश्वविद्यालय के संसाधनों की बचत भी की जा सकेगी । इसके साथ ही इसमें विद्यार्थियों हेतु ए.आर-वी.आर सुविधा भी स्थापित की गई है। इसके माध्यम से छात्र यहां बैठे ही वर्चुअली देश की किसी भी प्रयोगशाला से जुड़ सकेंगे और वहां चल रहे अनुसंधान कार्यों को वर्चुअल देख व सुन सकेंगे जिससे देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी स्थापित उन्नत तकनीक से अपने आप को वर्चुअली जोड़ पाएंगे एवं उसे समझ पाएंगे। प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, निदेशक प्रसार शिक्षा ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा इस तरह की सुविधा देश के 18 अग्रणी विश्वविद्यालय में उपलब्ध करवाई गई है जिसमें राजूवास भी शामिल है । इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तथा ए.आर-वी.आर की सुविधा स्थापित करने के साथ ही विश्वविद्यालय प्रदेश में इकलौता विश्वविद्यालय बन गया है जिसमें विश्वविद्यालय की समस्त गतिविधियां इंटीग्रेटेड यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम के द्वारा ऑनलाइन रूप से संचालित की जा रही है। आई.यू.एम.एस. के प्रभारी डॉ. अशोक डांगी ने बताया कि इस सुविधा के माध्यम से छात्र एवं विश्वविद्यालय के अधिकारी लाभान्वित होंगे।