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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर
Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

वेटरनरी विश्वविद्यालय सात दिवसीय कुक्कुट पालन उद्यमिता प्रशिक्षण सम्पन्न

बीकानेर, 12 दिसम्बर। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा 06 दिसम्बर से 12 दिसम्बर तक आयोजित सात दिवसीय कुक्कुट पालन उद्यमशीलता प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को हुआ। कार्यक्रम के समापन सत्र के मुख्य अतिथि कुलगुरु डॉ. सुमंत व्यास ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुर्गीपालन ऐसा व्यवसास है जिसको अतिलघुस्तर से इण्डस्ट्री स्तर तक अपनाया जा सकता है। मुर्गीपालन से कम समय में ही व्यवसाय स्तर को बढ़ाया जा सकता है। पशुपालक मुर्गीपालन की वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर इस क्षेत्र से अधिक से अधिक आर्थिक लाभ अर्जित कर सकते है। केन्द्र व राज्य सरकार कुक्कुट पालन आधारित विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है जिनका पशुपालक/किसान प्रशिक्षण उपरांत लाभ उठा सकते है और आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो सकते है। निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने कुक्कुट पालन के क्षेत्र में बुनियादी जानकारी प्रदान करते हुए प्रशिक्षण का विस्तृत विवरण बताया और कहा कि सात दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को कुक्कुट की विभिन्न देशी नस्लों की जानकारी, आहार व स्वास्थ्य की व्यवस्था, कुक्कुट पालन के लिए उपयुक्त स्थान व बाजार की मांग और आपूर्ति के साथ-साथ कुक्कुट पालन की सरकारी योजनाओं व ऋण प्रणाली से अवगत करवाया। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. अरूण कुमार झीरवाल ने बताया की इस प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, डुंगरपुर, हनुमानगढ़, सीकर, झुंझनु, करौली, बीकानेर जिलों के पशुपालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया जिनको प्रशिक्षण के उपरान्त प्रशिक्षण संदर्शिका एवं प्रमाण पत्र वितरित किये गए। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. दिनेश जैन, डॉ. सीताराम, डॉ. सुबिता कुमारी, डॉ. कुसुमलता झाझड़िया, डॉ. रजनी अरोड़ा, डॉ. तारा बोथरा, डॉ. अरूण कुमार झीरवाल, डॉ. राजेश नेहरा, डॉ. विवेक व्यास, डॉ. शंकरलाल ने व्याख्यान प्रस्तुत किये। मंच संचालन डॉ. संजय सिंह ने किया।