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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

आत्मा योजनांतगर्त पशुपालकों का प्रशिक्षण आयोजित

बीकानेर, 10 फरवरी। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “उन्नत गोपालन एवं गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण“ विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को समाप्त हुआ। प्रशिक्षण में गाड़वाला के 30 पशुपालक शामिल हुए। समापन अवसर पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. कैलाश चौधरी ने कहा कि आज के समय में कृषि एवं पशुपालन को व्यवसाय एवं उद्यम के रूप में अपनाने की आवश्यकता हैं। यदि कृषि एवं पशुपालन को समन्वित रूप से किया जाए तो निश्चित ही पशुपालक इससे लाभान्वित होंगे। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने इस अवसर कहा उन्नत गोपालन एवं गौबर गोमूत्र प्रशिक्षण ग्रामिण महिलाएं, युवा के लिए स्वरोजगार का आधार बन सकता है पशुपालक भाई कृषि के साथ-साथ गौपालन के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर अपनी आजीविका को उन्नत बना सकते है। डॉ. नीरज कुमार शर्मा के द्वारा पशुपालकों को डेयरी, पोल्ट्री व पशुचिकित्सा संकुल का भ्रमण करवाया गया। प्रशिक्षण में प्रो. राहुल सिंह पाल, डॉ. दीपिका धूड़िया, डॉ. राजेश नेहरा, डॉ. प्रमोद धतरवाल एवं डॉ. मनोहर सैन एवं दिनेश आचार्य द्वारा जैविक खेती, पशु आहार प्रबन्धन, डेयरी पशुओं में मुख्य बीमारियां एवं रोकथाम, पशुआावास प्रबन्धन, पशुओं में प्रजनन संबन्धित रोग एवं उपचार, वर्मी कम्पोस्ट, गौमूत्र का कीटनाशक के रूप में प्रसंस्करण आदि विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए गये। इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया जिसमें जोधाराम को प्रथम, पूनम चंद को द्वितीय एवं रामकुमार को तृतीय पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए गये। प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये। प्रशिक्षण समापन के दौरान भैराराम गोदारा सहायक निदेशक कृषि विभाग मौजूद रहे।