header logo image

राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

आत्मा योजनांतगर्त पशुपालकों ने समझी गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण प्रक्रिया

बीकानेर, 10 मार्च। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “उन्नत गोपालन एवं गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण“ विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को समाप्त हुआ। प्रशिक्षण में नोखा के 30 पशुपालक शामिल हुए। प्रशिक्षण समापन अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने कहा कि उन्नत गोपालन एवं गौबर गोमूत्र प्रशिक्षण ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार का आधार बन सकता है पशुपालक भाई कृषि के साथ-साथ गौपालन के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर अपनी आजीविका को उन्नत बना सकते है। प्रशिक्षण में डॉ. दीपिका धूड़िया, डॉ. राजेश नेहरा, डॉ. रजनी अरोड़ा, डॉ. मनोहर सैन, डॉ. नीरज कुमार शर्मा, डॉ. प्रमोद धतरवाल एवं दिनेश आचार्य द्वारा डेयरी पशुओं में मुख्य बीमारियां एवं रोकथाम, पशु आहार प्रबन्धन, पशु आवास प्रबन्धन, गौमूत्र का कीटनाशक के रूप में प्रसंस्करण, जैविक खेती, पशुओं में प्रजनन सम्बधी रोग व उपचार, एवं वर्मी कम्पोस्ट व वर्मी वॉश बनाने की विधिया व उपयोगिता आदि विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए गये। कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी डॉ. राकेश कुमार भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया जिसमें अन्नाराम को प्रथम, सोहनलाल को द्वितीय एवं जगदीश को तृतीय पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए गये। प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये।