header logo image

राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

आत्मा योजनांतगर्त पशुपालक प्रशिक्षण दूध के साथ-साथ गोबर-गौमूत्र की उपयोगिता भी समझे पशुपालक

बीकानेर, 31 मार्च। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “उन्नत गोपालन एवं गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण“ विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को समाप्त हुआ। प्रशिक्षण में नोखा के 30 पशुपालक शामिल हुए। प्रशिक्षण में डॉ. मनोहर सैन, डॉ. सीताराम, डॉ. प्रमोद धतरवाल, डॉ. रजनी अरोड़ा, डॉ. अरूण झीरवाल, अमित चौधरी, एवं दिनेश आचार्य द्वारा गौमूत्र का कीटनाशक के रूप में प्रसंस्करण, पशुओं में टीकाकरण का महत्व, पशुओं में प्रजनन सम्बधी रोग व उपचार, पशु आवास प्रबन्धन, पशु आहार प्रबन्धन, कृत्रिम गर्भाधान एवं वर्मी कम्पोस्ट व वर्मी वॉश बनाने की विधिया व उपयोगिता आदि विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए गये। इस अवसर पर आयोजित प्रश्नोत्तरी में सुरेन्द्र सिंह को प्रथम, सूमेरराम को द्वितीय एवं नारायण दास को तृतीय पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए गये। प्रशिक्षण के समन्वयक डॉ. मनोहर सैन रहें।