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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

गौशाला प्रबंधकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन

गौशाला प्रबंधकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन

बीकानेर, 31 जनवरी। निदेशालय प्रसार शिक्षा, राजुवास बीकानेर एवं निदेशालय गोपालन, राजस्थान, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में पंजीकृत गौशालाओं के प्रबंधकों एवं डेयरी संचालकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हुआ। समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि सूरजमल जी निमराना, प्रदेशाध्यक्ष गौ ग्राम सेवा संघ ने कहा कि गौ संरक्षण एवं संवर्धन में अच्छी नस्ल के जर्मप्लाम से कृत्रिम गर्भाधान की महत्ती आवश्यकता है अतः राजस्थान की विभिन्न देशी नस्लों के कृत्रिम गर्भाधान हेतु पशु चिकित्सालयों में सीमन की उपलब्धता होना बहुत आवश्यकता है। गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने हेतु गोचर संरक्षण के कार्य को भी सरकार को प्राथमिकता देनी होगी। निदेशक क्लिनिक डॉ. प्रवीण कुमार बिश्नोई ने कहा कि गौशालाओं के निरंतर सुचारू संचालन हेतु उनका स्वावलंबी होना बहुत आवश्यक है। गौवंश के स्वच्छ एवं संतुलित खान-पान तथा उचित प्रबन्धन से उनकों विभिन्न बीमारीयों से बचा सकते है तथा उत्पादन स्तर में भी बढ़ोत्तरी की जा सकती है। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. देवीसिंह ने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में संभाग के बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों के 35 गौशाला संचालक एवं प्रबंधक ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। विषय विशेषज्ञों द्वारा उन्नत गौशाला प्रबंधन, देशी गोवंश एवं संरक्षण, देशी गोवंश स्वच्छता एवं आवास प्रबंधन, संतुलित आहार, वर्ष भर हरा चारा, वर्मी कम्पोस्ट, गोबर का मूल्य संवर्धन राज्य सरकार की डेयरी फार्म योजनाएं, गौ नस्ल सुधार, पंचगव्य का महत्व आदि विषयों पर व्याख्यान के साथ-साथ आदर्श गौशाला एवं डेयरी भ्रमण करवाया गया। प्रशिक्षण सह-समन्वयक डॉ. संजय सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया। प्रशिक्षण के उपरान्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए गये।