header logo image

राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट प्रबन्धन एवं निस्तारण पर प्रशिक्षण आयोजित पशुधन सहायकों ने समझा जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट निस्तारण

बीकानेर, 14 दिसम्बर। पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट निस्तारण तकनीकी केंद्र, राजुवास, बीकानेर द्वारा पशुपालन विभाग के बीकानेर जिले के विभिन्न पशु चिकित्सालयों व पशु उपकेन्द्रों पर कार्यरत 30 पशुधन सहायकों का पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन और निस्तारण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर गुरुवार को आयोजित किया गया। प्रशिक्षण उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए डॉ. दीपिका धूड़िया ने कहा कि रोग निदान और उपचार कार्यों में चिकित्सकीय अपशिष्ट का सही निस्तारण मानव और पशु जगत के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें बॉयोमेडिकल वेस्ट के उचित निस्तारण के साथ साथ आस पास की स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि मानव व पशुओं को संक्रामक रोगों से बचा सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में निदेशक एच.आर.डी. प्रो. बी.एन. श्रृंगी ने पशुधन सहायकों को जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट का निस्तारण पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशुओं के रोग निदान और उपचार कार्यों में चिकित्सकीय अपशिष्ट का सही निस्तारण से बहुत सी संक्रामक बीमारियों पर काबू पा सकते है, एवं पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से बचा सकते है। उपनिदेशक पशुपालन विभाग डॉ. गीता बेनीवाल ने भी प्रषिक्षार्थियों को सम्बोधित किया। केन्द्र के सह-अन्वेषक डॉ. मनोहर सैन ने पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन एवं निस्तारण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने पशु जैव चिकित्सकीय अपषिष्ट के पृथक्करण व निस्तारण प्रायोगिक विवरण दिया। इस अवसर डॉ. निषा अरोड़ा, कार्यालय अतिरिक्त निदेशक पशुपालन विभाग, बीकानेर भी उपस्थित रहीं। प्रशिक्षण के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।