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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट प्रबन्धन पर प्रशिक्षण श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिले के पशुधन सहायक हुए प्रशिक्षित

बीकानेर, 22 दिसम्बर। पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट निस्तारण तकनीकी केंद्र, राजुवास, बीकानेर द्वारा पशुपालन विभाग बीकानेर संभाग के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिले के विभिन्न पशु चिकित्सालयों व पशु उपकेन्द्रों पर कार्यरत 30 पशुधन सहायकों का पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन और निस्तारण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को आयोजित किया गया। प्रशिक्षण उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए डॉ. दीपिका धूड़िया ने कहा कि रोग निदान और उपचार कार्यों में चिकित्सकीय अपशिष्ट का सही निस्तारण मानव और पशु जगत के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। समारोह के मुख्य अतिथि निदेशक अनुसंधान प्रो. हेमंत दाधीच ने संक्रामक रोगों से बचाव की जानकारी दी एवं प्रशिक्षणार्थियों से आग्रह किया कि उनके द्वारा इस प्रशिक्षण के अनुभव को अपने कार्यस्थल पर भी अपनाएं। निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने कहा कि हमें बॉयोमेडिकल वेस्ट के उचित निस्तारण के साथ साथ आस पास की स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि मानव व पशुओं को संक्रामक रोगों से बचा सकें। इस अवसर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक पशुपालन हनुमानगढ़, डॉ. शुचिस्मिता चटर्जी एवं निदेशक क्लिनिक्स प्रो. प्रवीन बिश्नोई ने भी प्रशिक्षणार्थियों को भी संबोधित किया। केन्द्र के सह-अन्वेषक डॉ. मनोहर सैन ने पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन एवं निस्तारण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के पृथक्करण व निस्तारण प्रायोगिक विवरण दिया। प्रशिक्षण के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।