header logo image

राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर द्वारा कानड़वास गाँव में पशुपालक गौष्ठी का आयोजन

जयपुर, 01 जून। विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर गुरूवार को स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर द्वारा गोद लिये गये गाँव कानड़वास में पशुपालक गौष्ठी एवं स्वास्थ्य परीक्षण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गाँव के अटल सेवा केन्द्र पर पशुपालकों से संवाद करते हुए संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. शीला चौधरी ने विश्व दुग्ध दिवस के सन्दर्भ में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि दूध और डेयरी क्षेत्र के महत्व को बताने के लिये प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफ.ए.ओ.) द्वारा एक जून को विश्व दुग्ध दिवस का आयोजन किया जाता है। ग्रामीण परिदृश्य में पशुपालन आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन है तथा दूध का हमारे आहार में महत्वपूर्ण स्थान है। पुराने समय में भी घर के बड़े-बुजुर्ग दूध की महत्वता को समझते थे एवं दूध पीने के लिये प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने कहा कि दूध में प्रचूर मात्रा में प्रोटीन होता है जिसके सेवन से हमारा मस्तिष्क सक्रिय रहता है तथा इसके सेवन से बहुत सारी बीमारियों जैसे रक्तचाप, मधुमेह, कब्ज, मोटापा आदि को नियंत्रण में रखा जा सकता है। कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सा अधिकारी डॉ. सविता आर्य ने भी दूध के सेवन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक सम्पूर्ण आहार है जिसमें कैल्सियम तथा अन्य पौषक तत्व प्रचुर मात्रा में रहते हैं। दूध से बने विभिन्न उत्पादों जैसे पनीर, मावा, विभिन्न प्रकार के शेक आदि के रूप में हम दूध का सेवन कर सकते हैं। आगे उन्होंने कहा कि हड्डियों की प्रमुख बीमारियॉ ऑस्टियोमलेशिया, रिकेट्स आदि कैल्सियम एवं फॉस्फोरस के सन्तुलन खराब हो जाने से हो जाती है उन्हें भी हम दूध के सेवन से सही कर सकते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित सरपंच श्रीमती सरीता मीणा ने कार्यक्रम को गाँव में कराने के लिये संस्थान का धन्यवाद दिया तथा आगे भी पशुपालन से संबंधित विषयों पर महाविद्यालय के सहयोग की अपेक्षा जताई। डॉ. चन्द्रशेखर सारस्वत ने कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोगों, पशुपालकों तथा विद्याथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। गौष्ठी में संस्थान के डॉ. नजीर मौहम्मद, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. उमेश शालीग्राम सुराडकर तथा इन्टर्नशिप एवं ए.एच.डी.पी. द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने अपनी सेवाएं प्रदान की।