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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

वेटरनरी एनाटॉमी की तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस शुरू फॉरेंसिक साइंस में पशु एनाटॉमी की महत्वपूर्ण भूमिका: कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग

बीकानेर 20 दिसम्बर। वेटरनरी विश्वविद्यालय के संघटक वेटरनरी महाविद्यालय, नवानियां, उदयपुर में इंडियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी एनाटॉमिस्ट की तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस मंगलवार को “पशुधन एवं वन्यजीव सेक्टर में एनाटॉमिकल अध्ययन द्वारा एडवांसमेंट से वैश्विक सतत् विकास हेतु प्रारंभिक प्रयत्न“ विषय पर शुरू हुई। कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एन. शर्मा पूर्व अधिष्ठाता, पालमपुर वेटरनरी कॉलेज ने अपने उद्बोधन में वेटरनरी एनाटॉमी सोसायटी की स्थापना एवं उद्देश्य में बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं एनाटॉमी का वाइल्डलाइफ एवं फॉरेंसिक अध्ययन में महत्व पर प्रकाश डाला। संस्थापक एवं पूर्व कुलपति, राजुवास, प्रो. ए.के. गहलोत ने वेटरोलीगल एवं पोस्टमार्टम में एनाटॉमी के आधारभूत ज्ञान के महत्व को बताया तथा एनाटॉमी प्रायोगिक अध्ययन में 2डी और 3डी आधुनिक तकनीकों के विकास की सराहना की। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अपने शोधकाल के दौरान एनाटॉमी के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि वेटरनरी क्षेत्र में शोध कार्य हेतु एनाटॉमी एक बेसिक विषय है जिसका सभी को ज्ञान होना बहुत आवश्यक हैं। उन्होंने फॉरेंसिक साइंस में एनाटॉमी के महत्व को बताया तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इंटरडिसीप्लिनरी शोध की आवश्यकता को पर बल दिया। आई.ए.वी.ए. के सेक्रेटरी जनरल डॉ. पवन कुमार ने सोसाइटी का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. पी.वी.एस. किशोर ने एनाटॉमी में गुणवत्ता हेतु शोध हेतु इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी अध्ययन के महत्व पर बल दिया। अतिथियों द्वारा सम्मेलन में स्मारिका एवं एनाटॉमी की पुस्तक का विमोचन किया गया। अधिष्ठाता, प्रो. आर.क.े जोशी ने सभी अतिथियों और आगंतुकों का स्वागत किया एवं महाविद्यालय के विकास एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कांफ्रेंस के आयोजन सचिव प्रो. बलवंत मेशराम ने सभी अतिथियों और आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन किया एवं बताया कि इस सम्मेलन में देश व विदेश से विभिन्न विश्वविद्यालय और सोसाइटी से जुड़े लगभग 250 वैज्ञानिक, विषय विशेषज्ञ, फील्ड प्रैक्टिशनर, शोधार्थी एवं विद्यार्थी भाग ले रहे हैं एवं तीन दिवस के दौरान 18 विभिन्न सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा पत्र वाचन एवं पोस्टर प्रस्तुतीकरण किए जाएगे। एनाटॉमी के क्षेत्र में अभुतपूर्व योगदान हेतु वैज्ञानिकों को विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया।