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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

वेटरनरी विश्वविद्यालय परम्परागत पशुपालन को आधुनिक तकनीको से जोड़ने की जरूरत: कुलपति प्रो गर्ग आत्मा योजनांतगर्त 30 पशुपालकों का बकरी पालन पर प्रशिक्षण

बीकानेर 25 फरवरी। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोसिबिलिटी के तहत कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “उन्नत बकरी पालन एवं प्रबंधन“ विषय पर दो दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण शुक्रवार को संपन्न हुआ। प्रशिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि विश्वविद्यालय शैक्षणिक एवं शोध कार्यों के साथ साथ पशुपालको के हितार्थ निरंतर प्रसार गतिविधियां का क्रियान्वयन कर रहा है ताकि पशुपालकों को उन्नत तकनीकों एवं नवीन शोधों का लाभ मिल सके। बकरी पालन कम लागत में शुरू होने वाला व्यवसाय है जिसको लघु एवं सीमांत किसान भी अपनाकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते है। कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि परम्परागत पशुपालन को आधुनिक तकनीको से जोड़े तो हम अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है। उन्होंने प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण का अधिक से अधिक लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया। समापन अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने कहा कि विश्वविद्यालय राज्य के 33 जिलों में से 22 जिलों में अपने संस्थानों के माध्यम से विभिन्न प्रसार गतिविधियां आयोजित कर रहा है। जिसका लाभ पूरे राज्य के पशुपालकों को मिल रहा है। प्रशिक्षाणार्थी प्रशिक्षण के दौरान बताई पशुपालन आधारित वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। प्रशिक्षण के दौरान बकरी पालन का आर्थिक महत्व, प्रमुख रोग एवं उपचार, बकरियों का आवास प्रबंधन, टीकाकरण, कृमिनाशन, उन्नत पोषण एवं प्रमुख नस्लों पर विषय विशेषज्ञ प्रो. राहुल सिंह पाल, डॉ. दीपिका धूड़िया, डॉ. देवी सिंह, डॉ. संदीप धौलपुरिया, डॉ. मोहन लाल, डॉ. अरूण कुमार झीरवाल, डॉ. विरेन्द्र कुमार, और डॉ. जे.पी. कच्छावा द्वारा जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षण में यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोसिबिलिटी के तहत गोद लिए गांव जयमलसर व डाईयां के 30 पशुपालक शामिल हुए। प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया जिसमें प्रथम नेताराम, द्वितीय जगदीश प्रसाद, एवं तृतीय देवाराम को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये। यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोसिबिलिटी के समन्वयक डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया।