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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर
Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

सात दिवसीय बकरी पालन उद्यमिता प्रशिक्षण सम्पन्न

बीकानेर, 2 दिसम्बर। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा 26 नवम्बर से 02 दिसम्बर तक सात दिवसीय बकरी पालन उद्यमशीलता प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ। कार्यक्रम के समापन सत्र के मुख्य अतिथि कुलगुरु डॉ. सुमंत व्यास ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पशुपालकों में उद्यमशीलता तथा पशुपालन से आर्थिक उत्थान हेतु विश्वविद्यालय द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम की पहल की गई ताकि राज्य के विभिन्न जिलों से इच्छुक प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार अपना सके। कुलगुरु डॉ. सुमंत व्यास ने कहा कि बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। प्रशिक्षण प्राप्त पशुपालक वैज्ञानिक तरीकों से बकरी पालन कर अपने आप को बकरी पालक उद्यमी बना सकते है। केन्द्र एवं राज्य सरकार पशुपालन आधारित विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है जिनका पशुपालक प्रशिक्षण उपरांत लाभ उठा सकते है और आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो सकते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह के प्रशिक्षण भविष्य में भी आयोजित किये जायेंगे जिनका पशुपालक भाई अधिक से अधिक लाभ उठायें। निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बकरी पालन के क्षेत्र में बुनियादी जानकारी प्रदान करते हुए प्रशिक्षण का विस्तृत विवरण बताया और कहा कि सात दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को बकरी की विभिन्न नस्लों, आहार, आवास और स्वास्थ्य प्रबंधन के साथ-साथ बकरी पालन के लिए सरकारी योजनाओं एवं ऋण प्रणाली से अवगत करवाया गया। जिनको व्याख्यान के साथ-साथ पशु अनुसंधान केन्द्र बीकानेर, बीछवाल एवं कोडमदेसर का भ्रमण भी करवाया गया। समापन सत्र के दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव पंकज शर्मा ने भी प्रशिक्षर्णियों को सम्बोधित किया एवं पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने हेतु प्रेरित किया। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. मोहन लाल चौधरी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में बीकानेर, हनुमानगढ़, पाली, बासंवाड़ा उदयपुर, चूरू, सिरोही, ब्यावर चित्तौड़गढ़, श्रीगंगानगर जिलो के 24 पशुपालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया जिनको प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षण संदर्शिका एवं प्रमाण पत्र वितरित कियें गये। मंच संचालन डॉ. संजय यिंह ने किया।